नमस्कार दोस्तो आप सभी का हमारे ब्लाग पर स्वागत है। आज हम आपको बताने वाले है कि भविष्य मालिका के अनुसार कल्कि अवतार कब होगा।
कल्कि अवतार-
दोस्तो जैसा कि आप सभी को पता होगा कि भविष्य मालिका को 500 वर्ष पूर्व संत श्री अच्युतानंद दास ने लिखा था। उनके पास भूत, भविष्य, वर्तमान देखने की अदभुत शक्ति थी। संत श्री अच्युतानंद दास ने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम भविष्य मालिका है। इस पुस्तक मे आने वाले समय मे इस धरती पर क्या-क्या घटनाये घटित होगी वो सबकुछ लिखा है। भविष्य मालिका की अधिकांश भविष्वाणियाँ सत्य साबित हो रही है।
कल्कि अवतार का रहस्य-
दोस्तो पुराणो के अनुसार कलियुग की आयु 4 लाख 32 हजार वर्ष है। संत श्री अच्युतानंद दास ने अपनी भविष्य मालिका मे यह लिखा है कि इस धरती पर बहुत अधिक पाप बढ जाने की वजह से कलियुग की आयु 4 लाख 32 हजार वर्ष से घटकर मात्र 5500 वर्ष ही रह जायेगी। मतलब इस समय हम लोग कलियुग के अंतिम पडाव मे चल रहे है।
भविष्य मालिका के अनुसार पहले कलियुग का अंत होगा फिर महाविनाश होगा उसके बाद नये युग का निर्माण होगा अर्थात सतयुग का प्रारंभ होगा। भविष्य मालिका के अनुसार भगवान विष्णु के दशवे अवतार भगवान कल्कि का जन्म हो चुका है। इनके पिता का नाम विष्णुयश तथा माता का नाम सुमति है। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के संभलपुर ग्राम प्रधानमे हुआ है।
ये जिस घोडे पर सवार होकर युद्ध करेंगे उसका नाम देवदत्त है। ये पब्लिसिटी से दूर रहेंगे मतलब लोग इन्हे पहचान ही नही पायेंगे कि ये कल्कि अवतार है। भविष्य मालिका के अनुसार जब भगवान कल्कि जन्म लेगे तब उनके साथ उनके 74 हजार अनुयायी भी जन्म लेगे जो कि महाभारत काल मे युद्ध मे लडे थे। वो सभी युद्ध मे इनका साथ देगे।
कली पुरूष कौन है-
दोस्तो कलियुग एक राक्षस है कलियुग का युग मतलब शैतान का युग। इस समय इस धरती पर बहुत ज्यादा पाप बढ चुका है। इंसानियत पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है। एक सगा भाई अपने सगे भाई को नही पहचान रहा है। नाते रिश्ते सब कलंकित हो रहे है ये सब इसी कलयुग का ही प्रभाव है। कली पुरूष अभी भौतिक रूप से नही आया है परंतु वो अपनी शक्तियों से इंसान पर काबू पा सकता है तथा कलियुग के अंत मे वो भौतिक रूप से भी आ जायेगा। तब वो पाताल लोक से आसुरी शक्तियो को आजाद करके इंसानों पर राज करेगा।
धरती पर रहेगा सात दिनो के लिये अंधेरा-
भविष्य मालिका के अनुसार जब शनिदेव 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि मे जायेंगे तो चौथा महायुद्ध होगा। यह युद्ध 6 वर्ष 6 माह तक चलेगा तथा भारत इसमे आखिरी के 13 महीने शामिल होगा। दोस्तो आप सभी को मालूम होगा कि पहला महायुद्ध देवासुर संग्राम मे देवताओं तथा असुरो के बीच हुआ था। दूसरा महायुद्ध राम और रावण के बीच हुआ था। तीसरा महायुद्ध महाभारत काल मे कौरको तथा पाण्डवो के बीच हुआ था।
अब चौथा महायुद्ध होगा भविष्य मालिका मे यह लिखा गया है कि महाभारत काल मे जिन लोगो के युद्ध करने की अभिलाषा पूरी नही हुई थी वो सभी इस युद्ध मे लडेगें। इस युद्ध मे भगवान कल्कि अंतिम रूप से निर्णायक की भूमिका निभायेंगे। भविष्य मालिका के अनुसार चौथे महायुद्ध के दौरान सात दिनो तक सूरज नही निकलेगा तथा पूरी पृथ्वी पर अंधकार ही अंधकार होगा।
यह प्राकृतिक आपदा शनिदेव के मीन राशि मे रहने के कारण आयेगी। 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक शनिदेव मीन राशि मे कभी मार्गी तथा कभी वक्री होकर रहेगें। चौथे महायुद्ध के समय भारत की अर्थव्यवस्था इतनी दयनीय हो जायेगी कि भारत मे मिलेट्री शासन लग जायेगा। पाकिस्तान समेत 13 मुस्लिम देश तथा चीन भारत पर हमला कर देगें। इस समय उडीसा को चारो तरफ से घेर लिया जायेगा उस समय युद्ध और भी भीषण हो जायेगा लेकिन उडीसा उनके हाथ मे नही आयेगा। दुश्मन उडीसा के मशहूर हीराकुंड डैम को तोड देगें जिससे भारी बाढ आ जायेगी।
एक छोटा सा उल्का पिण्ड या तारा हिंद महासागर मे गिरेगा। जिसकी वजह से एक बडी सुनामी आयेगी। जिसमे उडीसा के 6 जिले डूब जायेंगे। जगन्नाथपुरी मंदिर के 22वी सीढी तक पानी भर जायेगा। बाढ की लहर इतनी तेज होगी कि जगन्नाथपुरी मंदिर के ऊपर स्थित सुदर्शन चक्र को पार कर जायेगी। उस समय भगवान जगन्नाथ मंदिर को छोड चुके होगे तथा उनके अनुयायी उन्हे छातिया कटक ले जायेंगे।
रूस के नेता भगवान जगन्नाथ को ले जाने की चेष्ठा करेंगे तथा उडीसा पर हमला भी करेंगे। तब भीषण युद्ध होगा। लोग इतने दुखी तथा लाचार हो जायेंगे कि भगवान विष्णु से प्रार्थना करेंगे कि वो इस धरती पर अवतार लेकर पापियो का नाश करें। तब भगवान कल्कि सबके समक्ष प्रस्तुत हो जायेंगे। अनेक कोशिशों के बावजूद भी रूस भगवान जगन्नाथ को उडीसा से नही ले जा सकेगा।
चौथे विश्व युद्ध के बाद दुनिया की स्थिति-
दोस्तो भविष्य मालिका के अनुसार चौथे विश्व युद्ध के बाद पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जायेगा। उसका भारत मे विलय हो जायेगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लडने वाले देशो की स्थिति दयनीय हो जायेगी। इन देशो मे बहुत ही कम लोग जिंदा बचेंगे। चीन के कई टुकडे हो जायेंगे चीन नाम का कोई देश ही नही बचेगा। अमेरिका का एक बडा हिस्सा जलमग्न हो जायेगा। रूस मे जो लोग बचेंगे वो हिन्दू धर्म को अपना लेगें। पूरी दुनिया मे सिर्फ 11 देश ही बचेंगे। भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश होगा।
कली पुरूष का होगा संहार-
भगवान कल्कि इसी समय कली पुरूष का भी संहार करेंगे तथा ये सभी धर्मो का नाश कर देगे सिर्फ एक ही धर्म बचेगा वो है सनातन धर्म। भगवान कल्कि सनातन धर्म की स्थापना करेंगे। उसके बाद सतयुग का आरंभ होगा। ध्यान रहे कि इस युग मे सिर्फ 64 करोड लोग ही जायेंगे बाकी सब के सब मारे जायेंगे। जो लोग ईश्वर के प्रति आस्था रखते है जो लोग ईश्वर मे विश्वास रखते है सिर्फ वही लोग सतयुग मे जायेगें। नये युग के निर्माण के बाद 1000 वर्षो तक पृथ्वी पर शांति व्यवस्था कायम रहेगी।
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FAQ-
प्रश्न- 2022 मे कल्कि जयंती कब मनाई जायेगी?
उत्तर- 3 अगस्त 2022 को कल्कि जयंती मनाई जायेगी।
प्रश्न- भगवान कल्कि का वाहन कौन होगा?
उत्तर- भगवान कल्कि का वाहन देवदत्त नाम का एक घोडा होगा।
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